कुछ अल्फाज़ उसकी डायरी को आज फिर खूबसूरती दे रहे थे। कुछ अल्फाज़ उसकी डायरी को आज फिर खूबसूरती दे रहे थे।
ले तो लेती भैय्या लेकिन गुब्बारे से खेलने वाला कोई नहीं है ले तो लेती भैय्या लेकिन गुब्बारे से खेलने वाला कोई नहीं है
नितिन के दिमाग में बस रिया का रोता चेहरा घूम रहा था। नितिन के दिमाग में बस रिया का रोता चेहरा घूम रहा था।
जैसा कि उसकी मां की आखिरी इच्छा थी, उसने वह प्रण पूरा किया। जैसा कि उसकी मां की आखिरी इच्छा थी, उसने वह प्रण पूरा किया।
यूँही बातचीत में किसी ने प्रोटीन और कॉर्ब इनटेक के बारें में बात करनी शुरू कर दी। यूँही बातचीत में किसी ने प्रोटीन और कॉर्ब इनटेक के बारें में बात करनी शुरू कर दी...
उनकी चाहतों में डूब जाने की है मेरी तमन्ना, कि पूरी ना हुई तो मुमकिन है मैं मर जाऊँग उनकी चाहतों में डूब जाने की है मेरी तमन्ना, कि पूरी ना हुई तो मुमकिन है मैं ...